पटना, जागरण ब्यूरो : अंतिम चरण की ओर बढ़ रहे पटना फिल्म फेस्टिवल के पांचवें दिन संजय झा द्वारा निर्देशित व निर्मित स्टि्रंग आकर्षण का केंद्र रही। स्टि्रंग का देखना लोगों के लिए कई मायने में अद्भुत रहा। फिल्म निर्माता ने फिल्म को बाबा नागार्जुन को समर्पित किया है। बिना किसी सेट के बनी इस फिल्म में बाबा नागार्जुन की कविता मंत्र को गीत के स्वरूप में फिल्माना भी फिल्म का बड़ा पक्ष है। बाबा नागार्जुन की कविता ओम डालर, ओम रूबल, ओम पाउंड, ओम साउंड.. पर इलाहाबाद में जनहित याचिका भी दर्ज की जा चुकी है। लेकिन फिल्म में इस कविता को जिस परिपेक्ष्य में उपयोग किया गया है वह विवाद से परे है।
फिल्म में कई जगहों पर कामर्शियल सिनेमा का टच भी है। बारिश में फिल्माया गया गीत रिमझिम-रिमझिम बारिश.. को भी दर्शकों ने खूब सराहा। फिल्म का संगीत जुबीन गार्गट का है। फिल्म पटना के सिने प्रेमियों के बीच पहली बार दिखायी गयी थी। कहानी वारेन हेस्टिंग्स नाम के एक ब्रिटिश युवक के नासिक के कुंभ में आने से शुरू होती है। वारेन के दादा अंग्रेजी हुकूमत में भारत में थे और उनकी डायरी को पढ़कर वह नासिक चला आया है। नासिक में वह एक पुजारी के घर ठहरता है। पुजारी की बेटी कृष्णा से उसे प्रेम हो जाता है और एक दिन दोनों के बीच.। फिल्म में कुंभ के कई दृश्यों को काफी बेहतर अंदाज में फिल्माया गया है। नागा साधुओं के स्नान और शोभा यात्रा के दृश्य देखते ही बनते हैं। इसी तरह मेले में घूमने वाले बहुरुपिए को भी बड़े ही रोचक तरीके से दिखाया गया है। धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण शहरों का यह संस्कार की छोटे-छोटे लोग किस अदा में विदेशी पर्यटकों से अंग्रेजी में बात करते हैं, भी फिल्म में बखूबी दिखा है। यूं कहे हनुमान जी भी अंग्रेजी बोलते हैं। फिल्म फेस्टिवल में सोमवार को तेलगू फिल्म शंकर भरनम भी चर्चा में रही। इसके अतिरिक्त विमल राय की बंदिनी भी दिखायी गयी।
http://epaper.jagran.com/main.aspx?edate=2/14/2007&editioncode=42&pageno=2#
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